मंजिल से भराना पानी है....

ग़ज़ल संग्रह

@sonideenbandhu

क्या हुआ अगर लिपटी खाक से कहानी है,
गम नहीं अभी बांकी सारी जिंदगानी है।

देख वो चढ़ी मकड़ी सौ दफे गिरी होगी,
बात है नहीं गम की जोर आजमानी है।

फिर से हार मिलने से किश्मतें नही रूठी,
सौ दफा भी करनी किश्मत से छेड़खानी है।

राह में तजुर्बा ढेरों मिला है मोड़ो पे,
मोड़ और आएं सौ, क्या ये हार मानी है।

लाख पत्थरों से रास्ते रुकें मैं तोड़ूंगा,
देख ले ये मंजिल पानी सी ही रवानी है।

इस दफे मै परचम लहराउंगा ही क्यों "सोनी"
जब भी हो भराना मंजिल से ही तो पानी है।



Comments

Post a Comment

Popular Posts